PPF Scheme : सरकार द्वारा कई योजनाएं अपने कर्मचारियों के लिए चलाई जाती है जिसका फायदा उन्हें मिलता है। इन योजनाओं के माध्यम से उन्हें मुश्किल समय में आर्थिक सहायता मिल जाती है। इस लिस्ट में पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ का नाम भी शामिल है। पीपीएफ स्कीम के जरिए लोग लंबे समय तक निवेश कर सकते हैं और इसका किसी जरूरत के समय फायदा भी ले सकते हैं। पीपीएफ में कर्मचारी और नियोक्ता द्वारा कुछ अंशदान दिया जाता है जो राशि उनके खाते में जमा हो जाती हैं। उसके बाद इसे रिटायर होने पर निकाल लिया जाता है।
इंसान चाहे तो अपने पब्लिक प्रोविडेंट फंड में हर महीने कुछ राशि जमा करा सकते हैं जो उनकी बचत योजना का हिस्सा होती है। लेकिन आज हम आपको आर्टिकल में बताने वाले हैं कि अगर आपके पास पीपीएफ खाता है और आप इसमें कुछ निवेश करते हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। अगर ऐसा नहीं है तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। आइये बताते है कि आपको किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है?

मैच्योरिटी और ब्याज
आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड में आप हर महीने कुछ राशि जमा करा सकते हैं और यह एक लंबे समय तक चलने वाली बचत योजना है। अगर आप अपने प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ में पैसा निवेश करते हैं तो इसकी परिपक्वता तिथि 15 साल में समाप्त हो जाती है। अगर आप पीपीएफ खाते में पैसा जमा करवाते हैं तो 15 साल के बाद ब्याज के साथ ये राशि आपको मिल जाती है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि पीपीएफ खाते में जमा राशि पर सरकार द्वारा 7.1 प्रतिशत ब्याज दिया जा रहा है। लेकिन अगर आप 15 साल तक पीपीएफ खाते में पैसा जमा करवा रहे हैं तो आपको एक अहम बात का जरूर ध्यान रखना होगा।
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PPF अकाउंट
आपको एक बात का जरूर ध्यान देना होता कि आपको प्रत्येक वित्त वर्ष में कम से कम 500 रुपये जरूर जमा करवाना होता है। इसके अलावा एक वित्त वर्ष में आप अधिकतम 1.5 लाख रुपये अपने पीपीएफ खाते में जमा करा सकते है। अगर आप 500 रुपये जमा नहीं करवा सकते है, तो पीपीएफ अकाउंट डोरमेंट हो जाता है। इसलिए आपको इस बात को जरूर ध्यान रखना है कि अगर आपका पीपीएफ खाता है तो इसमें प्रत्येक वित्त वर्ष में कम से कम 500 रुपए जमा जरूर करवाएं।
मिनिमम इन्वेस्टमेंट
अगर किसी कारणवश आपका पब्लिक प्रोविडेंट फंड का खाता डीएक्टिवेट हो जाता है तो उसको एक्टिवेट करवाने के लिए आपको जुर्माने के तौर पर कुछ पैसे जमा कराने की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा अगर किसी वित्तीय वर्ष में आपने मिनिमम इन्वेस्टमेंट की राशि 500 रुपये जमा नहीं की है तो आपको इस पर मिलने वाले ब्याज का भी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस तरह की परेशानी से बचने के लिए आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि प्रत्येक वित्तीय वर्ष में होने वाले मिनिमम इन्वेस्टमेंट का 500 रुपये जरूर जमा करवाएं, नहीं तो आप को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।